हजारों झुग्गी तोड़ आलीशान बिल्डिंग बनाने का लोग क्यों कर रहे विरोध? क्या है धारावी पुनर्विकास योजना

हजारों झुग्गी तोड़ आलीशान बिल्डिंग बनाने का लोग क्यों कर रहे विरोध? क्या है धारावी पुनर्विकास योजना

चुनाव से पहले एक बार फिर एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी झोपड़ी वाली बस्ती धारावीकी चर्चा शुरू हो गई है. धारावी का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का मुद्दा अब राजनीतिक बन गया है. यहां रहने वाले हजारों परिवार और तमाम विपक्षी पार्टियां धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध कर रहे हैं.

यहां के लोगों को डर है कि कहीं रिडेवलपमेंट के नाम पर उनका घर छीन न लिया जाए और कहीं वे बेघर न हो जाएं.

मुंबई का धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम कहा जाता है. जनसंख्या के हिसाब से ये एशिया का सबसे बड़ा स्लम है, मगर एरिया के हिसाब से देखें तो एशिया का दूसरा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्लम एरिया है.

धारावी मुंबई शहर के बीचों बीच बसा है. ये एरिया मुंबई की दो रेलवे लाइव वेस्टर्न और सेंट्रल के बीच मौजूद है. एक तरफ मुंबई का मशहूर बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दूसरी तरफ दादर है. 

यह भी पढ़े

धारावी को क्यों कहा जाता है स्लम एरिया?

स्लम मतलब गंदी बस्ती. धारावी बहुत ही घनी आबादी वाला एरिया है. यहां बहुत ही कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं. इस वजह से इलाके में गंदगी काफी ज्यादा है. यहां साफ पानी, साफ-सफाई, बिजली और सही व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. धारावी में रहने वाले ज्यादातर लोग गरीबी में जीते हैं और कम वेतन वाली नौकरी करते हैं. धारावीकाइतिहास मुंबई शहर के बीचों बीच बसा धारावी 18वीं सदी में एक आईलैंड हुआ करता था. तब यहां पर मछुआरे मछली पकड़ने का काम किया करते थे लेकिन समय के साथ यहां की स्थिति बदलती गई. यहां का पानी दलदल बन गया, जिस कारण मछली पकड़ने का काम बंद हो गया है. इसके बाद यहां लोगों ने गांव बना लिया और रहना शुरू कर दिया. तब लोगों की संख्या काफी कम थी. जब ब्रिटिश काल के समय कई गरीब लोगों को शहर से हटाया जाने लगा और कई कारखाने शहर से हटा दिए तो ज्यादातर लोग धारावी में आकर रहने लगे, क्योंकि यहां रहना खाना पीना सस्ता था. तब से यहां लोगों की संख्या बढ़ने लगी और धीरे-धीरे स्लम एरिया में तब्दील हो गया. देखते ही देखते धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया बन गया. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *